In this thoughtful Hindi poem I have tried to compare the spirit of a go getter person with the beautiful Gulmohar tree which blooms during the harsh Indian summer. It teaches us to smile and walk towards the goal even if the condition or circumstances are not in your favor . This is also one of my favorite flower not only because it is a very beautiful and vibrant flower but also because of the fact that it blooms during the time of my Birthday :) .... I always think that it comes to say me Happy Birthday !!! :) LoL ! above all we must accept that " A thing of beauty is a joy for ever"
Hope you gonna like it ....!
जो गुलमोहर कहलाता है
---- ऋतु
माना के तपती है धरती
बिखरे हैं कांटे राहों में
सूरज की भोहें तानी हुई
पड़ गए हैं छाले पाँव में .
पर घबराना तुम्हारी फितरत नहीं
क्योंकी तुम हो करम वीर
तुम वो हो जो उगाओ फसल,
बंजर धरती का सीना चीर .
वह क्या तैराक जो
ठहरी झील में गोते लगता है ,
आग में तपकर ही सोना ,
दमकता कुंदन कहलाता है.
जो वीर है , वह क्या
तलवारों के घावों से घबराता है.
अंगारों को कलियों की
सेज समझ सो जाता है.
वो फूल क्या जो सजे हुए
बागों में मुस्काते हैं
बसंत की कोमल ऋतु में खिल,
खुद पर कितना इतराते हैं.
जो गरमी के तपते सूरज को
देख कर मुस्काता है.
लू के झोकों में भी
मस्ती से लहराता है.
जितनी तेज धूप,
उतना ज़ियादा सुर्ख हो जाता है.
तुम वो वीर वृक्ष हो
जो गुलमोहर कहलाता है.